शिव को सर्वाधिक प्रिय नाम - राम

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राम
राम: शिवद्रोही मम-दास कहावा ।
सो नर मोहे सपनेहु नहिं भावा ॥

शिव: श्री राम राम रामेति रमे रामे मनोरमे
सहस्त्र नाम तत्तूल्यं रामनाम वरानने ॥

Salutation to Bhagwan Shri Ramachandra who realized complete identification with Brahmn (ब्रह्म) at the tender age of early youth (कुमारावस्था) assimilating the instructions imparted by Maharshi Vasishtha.

May HE, who is absorbed in the SELF without any trace of Ego left and yet plays part to the perfection in duality, guide us in our journey towards the Self Realization.
 
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